क़ानून ऐसा हो जो निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए :- अतिशी

मेट्रो मत न्यूज़ ( सरिता साहनी नई दिल्ली ) दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने और बच्चों के साथ भेदभाव की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। अब इस गंभीर मुद्दे को आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की शिक्षा मंत्री अतिशी ने खुलकर उठाया है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह केवल स्कूल फीस का नहीं, बल्कि दिल्ली के लाखों बच्चों के भविष्य का सवाल है।अभिभावकों की पीड़ा को अतिशी ने दी आवाज़:- अतिशी ने बताया कि हाल ही में वे उन अभिभावकों से मिलीं जिनके बच्चे दिल्ली के नामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। बातचीत के दौरान जो बातें सामने आईं, वे चौंकाने वाली थीं। पेरेंट्स ने बताया हर साल बिना किसी पारदर्शिता के फीस बढ़ाई जाती है। विरोध करने पर बच्चों को अलग-अलग तरीकों से परेशान किया जाता है। सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। अतिशी ने यह भी बताया कि सरकार ने जिस ‘फीस रेगुलेशन कानून’ की बात की थी, उसका ड्राफ्ट अब तक न तो सार्वजनिक किया गया है और न ही उस पर पब्लिक की राय ली गई है।

“कानून ऑर्डिनेंस से नहीं, जनता की राय से बनना चाहिए”

अतिशी ने एक स्पष्ट मांग रखी:- फीस नियंत्रण कानून को किसी छिपे हुए ऑर्डिनेंस के ज़रिए लागू करना सरासर गलत है। यह कानून अभिभावकों, छात्रों और शिक्षकों की राय लेकर, सार्वजनिक बहस के बाद विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि यह बिल सिर्फ कागज़ी कार्रवाई नहीं होना चाहिए। यह एक ऐसा क़ानून हो जो निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए और अभिभावकों को राहत दे।

-विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग

-अतिशी ने दिल्ली सरकार से आग्रह किया है कि दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए।

-इस सत्र में फीस नियंत्रण कानून को प्रस्तुत किया जाए।

-बिल को विधानसभा की ‘सेलेक्ट कमेटी’ को भेजा जाए, ताकि विशेषज्ञों, शिक्षकों और सबसे अहम – अभिभावकों – की राय लेकर इसे बेहतर और प्रभावी बनाया जा सके अतिशी ने दो टूक कहा:- हम फूलों का हार पहनने या प्राइवेट स्कूलों की रक्षा करने के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। हम जनता की आवाज़ हैं, और जब तक स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों और उनके पेरेंट्स को न्याय नहीं मिलेगा, हम यह मुद्दा मजबूती से उठाते रहेंगे।”

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