श्रीयम यमुना सेवा संकल्प" के अध्यक्ष मणिकेश चतुर्वेदी ने की मुख्य न्यायाधीश से अपील
(1) "ब्रज 84 कोष यात्रा" क्षेत्र के पौराणिक महत्व के अस्तित्व को नष्ट किए जाने की 2014 से चल रही साजिश को एक बार 2019- 20 में NGT दिल्ली के निर्णायक सहयोग से सदा के लिए खत्म किया गया था। जिसमें अक्षय पात्र फाउंडेशन (इस्कॉन) के द्वारा एक विश्व का सबसे ऊंचा 70 मंजिला चंदोदय मंदिर 130 एकड़ भूमि में बनाया जा रहा था। जिसमें ब्रज 84 कोष यात्रा क्षेत्र के पौराणिक महत्व के सम्पूर्ण दर्शनीय मंदिर स्थल कुंड (पोखर) कृष्ण कालीन 12 वन 24 उपवन सभी को बसाया जाना तय था। तथा मंदिर बाउंड्री के सहारे डुप्लीकेट यमुना जी की एक नहर बनाई जानी थी।
(2) माननीय योगी आदित्यनाथ जी 2017 में मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश बने। तथा सर्व प्रथम नोटिफिकेशन संख्या 1079/67-2017-3(20) 2017 UP धर्मार्थ कार्य विभाग ने दिनांक 02/10/2017 द्वारा वृंदावन को श्रीकृष्ण जी की जन्म स्थली बनाकर श्रीराधा जी की जन्म स्थली बरसाना बना करके पवित्र तीर्थ स्थल घोषित कर दिया । उन्होंने बताया जबकि पौराणिक सत्य है। कृष्ण जी मथुरा में और राधा जी रावल गांव में प्रमाणिक पैदा हुई थी। इससे ब्रज वासियों की आस्थाओं को तोड़ने का काम किया जिसके खिलाफ हमने आपके यहां प्रार्थना की थी (साक्ष्य संलग्न किए गए है
(3) ब्रज तीरथ विकास परिषद उ. प्र. का 2017 में ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठन किया गया एवं संपूर्ण ब्रज 84 कोष मथुरा क्षेत्र के संरक्षण, विकास के लिए सुपुर्द कर दिया, परिषद ने ब्रज 84 कोष यात्रा क्षेत्र से अति महत्व पूर्ण स्थल कामवन ब्रह्म कुंड व शेष शाही विष्णु मंदिर जो मेवात बोर्ड राजस्थान एवं हरियाणा राज्य की सीमा में आने से । उन्हें 84 कोष यात्रा क्षेत्र से बाहर कर दिया । इससे पौराणिक महत्व की ब्रज 84 कोष यात्रा भविष्य में खंडित होनी निश्चित हो गई है। जिसको खंडित होने से बचाने के लिए हमने क्षेत्र का परसीमन कराने हेतु परिषद और स्थानीय सांसद विधायक मुख्य मंत्री तक को लिखित में सुझाव दिए क्योंकि यात्रा के खंडित होने से हजारों लाखों वैष्णव श्रद्धालुओं की आस्था का हनन होगा जिसे आजतक नहीं किया गया। जबकि विश्व की सबसे बड़ी हिंदुत्ववादी राजनीतिक पार्टी द्वारा अमृत काल योग बताया जाता है। अथवा राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, और केंद्र में इन्हीं की सरकार है । पहले जम्मू & कश्मीर, लद्दाख दिल्ली राज्य के भी परिसीमन किए जा चुके है। तब इस छोटे से यात्रा क्षेत्र का परिसीमन क्यों नहीं किया जा रहा है जिसमें कोई अन्य पार्टी विशेष की अड़चन भी नहीं है। आस्था के हनन को बचाया जाए। 4) 2017 से अबतक ब्रज को करीब 5- 6 टुकड़ों में पवित्र तीर्थ स्थल घोषित तो किया पर संपूर्ण ब्रज 84 कोस मथुरा आजतक पवित्र तीर्थ स्थल घोषित ना हो सका जबकि धार्मिक सात पूरीयों में प्रमुख स्थान भी है । यमनोत्री उत्तराखंड से प्रयागराज यूपी के 1400 किलो मीटर की यात्रा में यमुना जी का एक मात्र तीर्थ विश्राम घाट ब्रज मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है।परम आदरणीय इन सभी अ-नियमितताओ के अलावा ब्रज मथुरा की मूलभूत समस्याएं और भी बहुत सी है जो वर्षों से निरंतर चली आ रही है। सरकार बदल जाती है। पर समस्याएं ज्यों की त्यों रहती है। जिनमें निम्न लिखित प्रमुख है। आप कृपया इन जन समस्याओं का गहन अवलोकन करें।
(A) "यमुना जल की प्रदूषण से मुक्ति"
मां यमुना जी अपने जल के प्रदूषण से मुक्ति की राह 11 साल से देख रही है। जिनको उत्तराखंड हाई कोर्ट भी जीवंत महिला स्वरूप बता चुकी है मोदी जी देश में महिला शसक्तीकरण कार्यक्रम सफल कर रहे है। इसीलिए रेगुलर 3 बार महिला सांसद भी दे रहे है ताकि वे मां यमुना को भी इस योजना का लाभ प्राप्त कराए लेकिन सब विपरीत हो रहा है। जबकि हजारों करोड़ की धनराशि यमुना जल प्रदूषण मुक्ति के नाम पर पास कराई गई खर्च भी की गई लेकिन सुधार की मात्रा आज तक जीरो ही रही है।
(B) "बंदरों की उदंडता से मुक्ति"
बंदरों की वजह से हजारों ब्रजवासी घायल हो चुके है और सैकड़ों की जान चली गई। पर ये समस्या उत्तर प्रदेश सरकार को कभी नजर नहीं आई।
(C) ब्रज 84 कोष यात्रा क्षेत्र का परिसीमन बहुत ही जरूरी है अन्यथा भविष्य में इस धार्मिक यात्रा क्षेत्र का खंडित होना निश्चित है।
(D) संपूर्ण ब्रज 84 कोष मथुरा को पवित्र तीर्थ स्थल एक ही बार में घोषित कर दिया जाना चाहिए ये बहुत आवश्यक है। ताकि आस्था और श्रद्धा को जीवित रखा जा सके।
(E) प्राचीन काल से मथुरा वृंदावन के बीच चल रही राधा रानी एक्सप्रेस रेल गाड़ी को नष्ट कर दिया रेलवे ट्रैक ही हटवा दिया या अन्य रोड परिवहन जल भराव बिजली पीने के पानी की समस्याएं तो होती रहती है आम बात है। उनके बारे में हम कुछ नहीं कह रहे । महोदय इन सब समस्याओं का निरन्तर सामना करते हुए भोले भाले ब्रजवासियों को विकास के नाम पर अब सुप्रीम कोर्ट के गत ऑर्डर का हवाला देकर श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन पर मंदिर की 500 करोड़ जमा धनराशि से एक कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है एक 18 सदस्यीय न्यास के गठन की तैयारी से ब्रज की जनता स्तब्ध है। तथा पिछले 55 दिनों से विरोध रत है। क्योंकि केवल एक श्री बांके बिहारी कॉरिडोर नहीं 197 अन्य प्राइवेट मंदिरों के न्यास गठन की भी कार्यवाही करने की अफवाह फैल रही है (मंदिरों की लिस्ट संलग्न है) यहां पर सम्पूर्ण ब्रज अस्तित्व खतरा महसूस कर रहा है। क्योंकि इससे पहले ब्रज में और भी समस्याएं हैं। उन पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया न ही निदान किया अतः ब्रजवासी चाहते हैं। कि पहले उनके निदान किए जाएं। माननीय हम भोले भाले ब्रजवासी कॉरिडोर के विरोध में कतई नही है सरकार के साथ है। बाके बिहारी मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों श्रद्धालुओं को सुविधाए देने के लिए यह कॉरिडोर बहुत जरूरी है । लेकिन मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जी के मूल जन्म स्थान जहां हर समय हजारों की संख्या में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु उपस्थिति रहते है जिनको यहां तक पहुंचने में भारी ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ता है हर रास्ते जोखिम भरे होते है। यमुना किनारे द्वारकाधीश मंदिर और श्री यमुना जी का एक मात्र तीर्थ विश्राम घाट है। जिन्हें पवित्र तीर्थ स्थल बनाने में भी बहुत मशक्कतो का सामना किया जहां सर्व प्रथम कॉरिडोर की कमी महसूस होनी थी।
नोट:- स्थानीय नेता अधिकारी अयोध्या श्रीराम जन्म भूमि में काशी और महाकाल इंदौर में बने कॉरिडोरो का उदाहरण देते है। जो वहां की प्रमुख स्थलिया है। परंतु इनको याद रहना चाहिए ब्रज 84 कोष में बांके बिहारी मंदिर बृंदावन से पहले श्रीकृष्ण जन्म स्थान पौराणिक और प्रमुख भी है। यहां एक ऐसा कॉरिडोर बनना चाहिए जो बांके बिहारी मंदिर बृंदावन से शुरू होकर श्री कृष्ण जन्म स्थान और यमुना जी का एक मात्र तीर्थ विश्राम घाट भी सम्मिलित हो जाए लेकिन शासन प्रशासन इसे सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर बता कर कॉरिडोर केवल बृंदावन में ही बनाने की तैयारी करने में लगा है। भावनात्मक धार्मिक परिपेक्ष में ये जीवंत समस्याए नजर ना आना दुर्भाग्य है ।यह जन-जन की भावनाओं से जुड़ा सवाल है। इको फ्रेंडली समाधान हों, जिससे ब्रज की कृष्ण कालीन संस्कृति को कोई नुकसान भी न हो स्थानीय लोगों से सुझाव लिए जाए। हर विकास कार्य सबकी सहमति पूर्ण सफल किए जाए ।धर्म राज स्वरूप इन सभी समस्याओं के निदान हेतु आप स्वत: संज्ञान लेने की कृपा करे ।
हम आपके सदा आभारी रहेंगे।